Republic day :भारत का गणतंत्र क्यों 26 जनवरी को मनाते
26 जनवरी जब भारत के लोकतंत्र में भारत में एक संविधान के तहत जीवन को जीने का रास्ता प्रदान हुआ जनता को 26 जनवरी 1950 2 वर्ष से 11 में 18 दिन इतने दिन में बना हुआ संविधान जब 26 जनवरी को भारत में लागू किया जाता है तुम्हारा गणतंत्र बन जाता है यह गणतंत्र न जाने कितने शहीदों के सपनों को साकार करता है और आने वाली हमारी पीढ़ियां इस 26 जनवरी को अपने गणतंत्र के रूप में मानना स्वीकार कर लेती हैं।
Republic day,भारत का गणतंत्र:
भारत के इतिहास में जनवरी अपना खास महत्व रखता है आज से 75 साल पहले जब संविधान लागू हुआ भारत में तब से 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं इसलिए 26 जनवरी का खास महत्व हम भारतीयों के लिए बन जाता है आज के दिन भारत में विशेष तैयारी किया जा रहा है।
26 जनवरी को क्यों चुना गया भारत के गणतंत्र मनाने का दिवस:
ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद होने के बाद हम बिना संविधान की ही अपने देश को कैसे चल पाए यह एक सोने वाला मुद्दा हमारे देश की संचालकों के लिए हो गया था। बिना कानून और संविधान के शासन करना कठिन कार्य था और न्याय के लिए संविधान और कानून का होना भी जरूरी है हर शासन प्रक्रिया कैसे किया जाए कौन सा काम किसकी अधिकार कितनी होनी चाहिए यह संविधान द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है।
अतः भारत का संविधान सभा बना संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद बनाए गए।
संविधान के निर्माण में संविधान में अलग-अलग समितियां का योगदान भी महत्वपूर्ण था लेकिन संविधान लिखने और ड्राफ्टिंग करने का जो कार्य था उसे प्रारूप समिति को दिया गया प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर थे संविधान सभा की प्रारूप समिति ने संविधान का मसौदा तैयार करने में एवं इसके निर्माण में विशेष योगदान दिया संविधान का मसौदा बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में प्रारूप समिति ने तैयार किया ।
ड्राफ्ट समिति ने संविधान सभा की अलग-अलग समितियां से प्राप्त संविधान निर्माण की उपयोगी जानकारी को इकट्ठा किया और भारत के एक संविधान के रूप में उसे रूप दे दिया।
4 नवंबर 1947 भारत के लिए एक विशेष दिन था जब भारत के संविधान का मसौदा या प्रारूप बनकर संविधान सभा के सामने प्रस्तुत किया गया 2 सालों तक कई चर्चाओं के बाद संविधान सभा द्वारा मसौदे को स्वीकार किया गया था 24 जनवरी 24 जनवरी 1950 को प्रारूप समिति द्वारा तैयार किया गया संविधान का मसौदा संविधान सभा द्वारा स्वीकार कर लिया गया 284 सदस्यों ने इस संविधान की दो प्रतियों पर अपने हस्ताक्षर किए संविधान का हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में तैयार किया गया।
अंग्रेजों के औपनिवेशिक कानून(1935) की जगह अब भारत का संविधान लेने जा रहा था चारों ओर भारत में खुशी की लहर चल रही थी अपना राज होगा अपना कानून होगा अंग्रेजों की राज्य से और उनकी कानून से मुक्ति मिलने वाली थी भारतीयों को अतः इसके लिए एक शुभ दिन चुना गया। हालांकि संविधान सभा द्वारा संविधान को पूरी तरह तैयार और पुष्टि 24 जनवरी 1950 को हो चुकी थी लेकिन यह निर्णय किया गया था कि इस दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू किया गया भारत का संविधान:
भारत का इतिहास कई महीनो में बहुत ही महत्वपूर्ण है इसी में से एक है लाहौर का कांग्रेस अधिवेशन इस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का मांग कांग्रेस द्वारा किया गया था यह अधिवेशन 26 जनवरी 1930 को हुआ था इसमें इस अधिवेशन में भारतीयों ने और कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने अंग्रेजों से पूर्ण स्वराज की मांग किया था अतः या दिन भारत के इतिहास में बहुत ही खास था। लाहौर अधिवेशन में भारत का तिरंगा फहराया गया था इस अधिवेशन की याद और भारतीय इतिहास को संजोए रखने के लिए संविधान को भी 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया गया है और हर साल हम भारतीय सभी जनवरी को अपना गणतंत्र दिवस शाम से मनाते हैं और शहीदों को याद करती हैं।
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