Kisan Andolan-2024:किसान आन्दोलन, एक तूफान फिर उठा
2024 फैसले एक बार फिर उथल-पुथल वाले हो सकते है। न्यूनतम समर्थन मूल्य,(M.S.P) और कृषि कानून को लेकर नया विवाद सामने आ गया है। 2021 में हुए ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन के बाद किसानों का विश्वास एक बार फिर से डगमगा गया है। और भारत के किसान अपनी मांगों को प्रदर्शन को लेकर निकल पड़े हैं।
इस ब्लॉग में हम किसान आंदोलन 2024 के ताजा विकास पर नजर डालें और आगे क्या हो सकता है इसकी पड़ताल करने की कोशिश करेंगे।
Farmer Protests -2024: विवाद के कारण:
नए कृषि कानून को रद्द करके, न्यूनतम समर्थन मूल्य (M.S.P)गारंटी देने की मांग को लेकर किसान एक बार फिर से आंदोलन पर उतर आए हैं। सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत अभी तक वे नतीजा साबित हुए।
किसानों के प्रमुख मांगे:
👉 समर्थन मूल्य(M.S.P) की कानूनी गारंटी
👉 लागत के अनुरूप मूल्य
👉 किसानों पर हो रहे अत्याचारों की जांच एवं किसानों के ऊपर हुए कर्ज को माफ करना
सरकार का पक्ष:
सरकार का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य देना व्यावहारिक नहीं है। सरकार अन्य विकल्पों पर काम कर रही है। किसान की फसलों का उचित मूल्य दिया जाएगा।
किसान संगठनों का पक्ष:
किसान संगठनों का कहना है कि सरकार अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (M.S.P) देने की वादे से मुकर रही हैं। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून गारंटी के बिना किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं हैं।
आगे क्या हो सकता है किसान आंदोलन में:
सरकार और किसान की बीच बातचीत का दौरा आज भी जारी है सरकार लगातार बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास कर रही है।
अगर बातचीत के माध्यम से उचित परिणाम नहीं निकल पाया तो किसान एक बार फिर से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर सकते हैं।
2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए किसान आंदोलन नुकसान दे साबित हो सकता है क्योंकि इस मुद्दे को विपक्षी पार्टियों लगातार चुनाव में उठाने का प्रयास करेंगी।
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