Lok Sabha Election 2024 Updated: क्या होता है आचार संहिता? किन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध
चुनाव से पहले चुनाव आयोग तिथियां का घोषणा करता है और जिस दिन तिथि का घोषणा करता है उसी दिन से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाता है। 18 वीं लोकसभा के गठन के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी होने वाला है। इस चुनाव के लिए एक बार फिर से देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू किया जाएगा। इस ब्लॉग में हम लोग आदर्श आचार संहिता के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
आदर्श आचार संहिता:
हमारे देश में लोकतंत्र है और लोकतंत्र को सुचारू और सुव्यवस्थित चुनाव करना पड़ता है। इसके लिए बिना किसी रूकावट के और पारदर्शी तथा निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के रूप में कुछ नियम बनाए हैं। इन नियमों का पालन राजनीतिक पार्टियों और उनके उम्मीदवारों को करना पड़ता है।
आदर्श आचार संहिता में क्या-क्या प्रावधान होते हैं?
भारतीय चुनाव आयोग(Election Commission Of India ) के द्वारा राजनीतिक दलों उम्मीदवारों और मतदाताओं की लिए सामान्य आचरण निश्चित किए जाते हैं। राजनीतिक पार्टियों के लिए सभा, जुलूस, मतदान ,पोलिंग, बुथ, आब्जर्वर, और घोषणा पत्र के नियम का आदि तय किए जाते हैं।
आदर्श आचार संहिता के निर्धारित प्रावधान:
राजनीतिक दलों और राजनेताओं के लिए निर्धारित प्रावधान
👉नीतियों और कार्यों की आलोचना करें
किसी दल, नेता, या कार्यकर्ता, की व्यक्तिगत जीवन पर टिप्पणी नहीं करें।
👉विभिन्न जातियों एवं समुदायों के बीच मतभेद बढ़ाने की गतिविधियों में शामिल ना हो, और इससे जुड़ी कोई टिप्पणी न करें।
👉मंदिर मस्जिद पूजा स्थल का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए ना हो।
👉मतदाताओं को रिश्वत देना उन्हें डराकर धमकाकर मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी की भीतर चुनाव प्रचार प्रसार करना आपराधिक गतिविधि माना जाएगा।
👉मतदान की 48 घंटे पहले सभी प्रचार प्रसार और सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लागू हो जाता है।
👉राजनीतिक दल या किसी उम्मीदवार के घर की सामने या आसपास कोई विरोध प्रदर्शन या जुलूस नहीं निकला जाए।
👉कोई भी नेता किसी व्यक्ति की जमीन पर भवन पर बिना उसके अनुमति की झंडा बैनर प्रचार प्रसार लगाने की अनुमति नहीं दे सकता है।
👉राजनीतिक दल और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित और तय करना चाहिए कि उनके समर्थक किसी दूसरी दलों की बैठकों और जुलूस में बाधा न उत्पन्न करें ना ही उन्हें भंग करने का प्रयास करें।
👉किसी भी राजनीतिक दल की ओर से उसे स्थान के आसपास जुलूस ना निकल जाए जहां दूसरे दलों की बैठक चल रही है। एक दल के लगाए पोस्ट दूसरे दल की कार्यकर्ताओं की ओर से ना हटाए जाएं।
सभा या रैली और राजनीतिक बैठकों के लिए निर्धारित प्रावधान:
👉सभा या रैली किया स्थान और जगह की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारी को दिया जाए
👉राजनीतिक पार्टियों और रैली या सभा आयोजित करने वाले नेता यह सुनिश्चित कर ले कि जहां पर उनकी रैली या सभा आयोजित किया जा रहा है उस स्थान पर पहले से ही प्रतिबंध तो नहीं लगा है।
👉सभा में लाउडस्पीकर उपयोग करने की अनुमति सभा या रैली की पहले ही पहले ही लेना आवश्यक है।
👉सभा करने वाले आयोजन किसी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए पुलिस का सहायता जरूर लें।
जुलूस निकालने के लिए किया गया प्रावधान:
👉जुलूस से पहले इसके प्रारंभ होने का
समय निश्चित रूप और समाप्त होने के समय स्थान की अग्रिम सूचना पुलिस को देने होगी।
👉जिस क्षेत्र या एरिया में आप जुलूस से निकल रहे हैं वहां कोई प्रतिबंध तो नहीं है यह पहले ही पता कर लेना होगा।
👉राजनीतिक जुलूस का प्रबंध है ऐसा किया जाए की यातायात प्रभावित न हो।
👉जुलूस को सड़क पर दाहिनी ओर से निकल जाए।
👉एक ही रास्ते पर एक से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों का रैली एक ही दिन निकल जाना हो तो समय का सामंजस्य से बैठाने के लिए एक दूसरे से बात जरूर कर लें।
👉जुलूस में हथियार या अन्य घटक और नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री को लेकर नहीं चलना होगा ।
👉ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की सलाह और निर्देश का कड़ाई से पालन करना होगा।
मतदान के दिन के लिए दिशा निर्देश और प्रावधान
निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग किया जाए।
👉राजनीतिक दल और उम्मीदवार अपने कार्यकर्ताओं को पहचान के तौर पर पहचान पत्र और बिल्ला ज़रूर प्रदान करें।
👉मतदाताओं को दिये जाने वाले पर्ची पर किसी भी तरह का चिन्ह या प्रत्याशी या पार्टी का नाम नहीं होना चाहिए।
👉मतदान वाले दिन और उसे 48 घंटे पहले किसी को भी शराब का वितरण नहीं किया जाए।
👉मतदान केंद्र के आसपास लगाए जाने वाले कैंपों पर आवश्यकता से ज्यादा भीड़ नहीं होने चाहिए। कैंप के ऊपर प्रतीक के रूप में झंडा नहीं लगाए गए हो।
👉मतदान वाले दिन चलाए जा रहे वाहनों का परमिट पहले से ही बनवाना आवश्यक है।
मतदान केंद्र के लिए प्रावधान:
मतदाताओं को छोड़कर किसी भी दूसरे व्यक्ति को मतदान केंद्र के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाए। मतदान केंद्र की अंदर केवल उसी को प्रवेश दिया जिसको पास दिया गया हो।
ऑब्जर्वर: आब्जर्वर की नियुक्ति निर्वाचन आयोग के द्वारा किया जाता है। चुनाव के दिन यदि एजेंट या उम्मीदवार को ऐसा लगता है कि चुनाव में कोई गड़बड़ी हो तो वह इसकी सूचना ऑब्जर्वर को दे सकते हैं।
सत्ताधारी दल के लिए निर्धारित आदर्श आचार संहिता:
👉मंत्री अधिकारी दौरा जब कर रहे हो तो चुनाव प्रचार का कार्यक्रम ना करें।
👉सरकारी विमानन और गाड़ियों का उपयोग पार्टी के प्रचार और उम्मीदवारों की प्रचार के लिए ना करें।
👉सरकारी कर्मचारियों का इस्तेमाल और सरकारी मशीनरी का प्रयोग पार्टी के हित में ना करें।
👉हेलीपैड या हेलीकॉप्टर पर सत्ताधारी दल का एकाधिकार नहीं स्थापित किया जाए।
👉सरकारी फंड से पार्टी का प्रचार प्रसार नहीं किया जाए।
केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, उम्मीदवार, मतदान, एजेंट, इसके सिवाय कोई भी मतदान केंद्र के अंदर प्रवेश न करें।
आदर्श आचार संहिता भारत के चुनाव पर एक विस्तृत व्यापक प्रभाव डालता है आप अपनी राय सुझाव कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं
Nice
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