Mukhtar Ansari:समय का चक्र और मुख्तार कंसारी
Sources फोटो-फेसबुक
अपने रसूख और नाम की बल पर राजनीति में और ठेकेदारी में नाम कमाने वाला मुख्तार अंसारी दुनिया को छोड़कर चला गया। उसका राजनीतिक क्षेत्र मऊ रहा। दो बार वाराणसी से भी लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन असफल रहा।
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प्रदेश सरकार और मुख्तार अंसारी एक दूसरे के पूरक बन गए थे लेकिन धीरे-धीरे समय बदला और दायर किए गए मुकदमों की संख्या बढ़ने लगी फल स्वरुप सजा भी मिलने लगा मुख्तार अंसारी एक जेल से दूसरे जेल जाने लगे आने लगे।
भारतीय जनता पार्टी के नेता कृष्णानंद राय की हत्या की बात मुख्तार अंसारी की बुरे दिन चालू हो जाते हैं।
मुख्तार को यह घटना बहुत ही महंगा पड़ गया उपचुनाव में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय विधायक बने थे। लेकिन उनकी हत्या कर दी जाती है ।
मुख्तार सत्ता को अपनी उंगली पर नाचने वाले मुख्तार को अंतत खुद भी नाचना पड़ा इतिहास गवाह है समय बदलता रहता है।
समय नहीं करवट बदली और मुख्तार अंसारी की वजूद खत्म हो गई।
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