NEET EXAM:छात्रों में खुशी की लहर, सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया फैसलासार
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने 1977 की रेगुलेशन ऑन ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन खंड चार(२)A के प्रावधान के अनुसार नीट परीक्षा में ओपन स्कूल से पास आउट विद्यार्थियों पर रोक लगा दिया था।
विस्तार:
ओपन स्कूल से 12वीं पास करने वाले छात्रों को सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ी राहत देती हुई मेडिकल के क्षेत्र में आगे बढ़ने का रास्ता साफ कर दिया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (C.B.S.E)और राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा सभी मान्यता प्राप्त मुक्त विद्यालय(Open School) पढ़ने वाले छात्र अब National Eligibility Con Entrance Test (NEET) के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद(N.M.C) मान्यता प्राप्त होंगे। अब मान्यता प्राप्त ओपन स्कूल से 10+2 करने वाले छात्र नीट प्रवेश परीक्षा में आसानी से भाग ले पाएंगे।
क्या था पूरा मामला? क्यों लगाया गया था ओपन स्कूल से पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर रोक:
Medical Council Of India (MCI) द्वारा ओपन स्कूल स्टूडेंट को नीट परीक्षा में बैठने की परमिशन देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया था। लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों के पक्ष में फैसला सुना दिया।
सुप्रीम कोर्ट की फैसले का असर:
आर्थिक तंगी के कारण बहुत से छात्र ओपन स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई को पूर्ण करते हैं। इसमें से कुछ छात्र राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान(N.I.O.S), राज्य शिक्षा बोर्ड से प्राप्त ओपन विद्यालय से अपने शिक्षा को प्राप्त करते हैं। क्योंकि गरीबी और बदहाली की जिंदगी जीने वाला विद्यार्थी रेगुलर पढ़ाई करने में सक्षम नहीं होता और पढ़ाई के साथ जीविका चलाने के लिए कुछ काम करता रहता है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सपने को साकार करने जैसा होगा।
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