Berojgari Mar: बेरोजगारी का मरा हुआ इंसान
दिल में कुछ करने की चाहत के साथ
हसरतों का सपना सजाते हुए,
मन में चाहती हम भी नाम करेंगे
अपने मां-बाप का सपना साकार करेंगे।
पर पेपर लिक के कारण अब तो सपने भी बेकार हुए
बहन की मेहंदी की खुशियां आने वाली जल्दी थी।
सब खुशियों में एक ही चिंता खर्चा कहां से आएगा।
इस बेरोजगारी के आलम में सब रिश्ते नाते दूर हुए
जो बात बात पर अपने थे अब फोन उठाना भूल गए।
विनोद कुमार
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