RBI 90 Year: 90 वर्षों में RBI ने गाड़े सफलता के झण्डे,90 रुपये का सिक्का जारी
RBI के हुए 90 साल
1 अप्रैल 2024 को, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी स्थापना की 90वीं वर्षगांठ मनाई। यह अवसर न केवल भारत की वित्तीय प्रणाली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर (milestone) है, बल्कि यह राष्ट्र के आर्थिक विकास में बैंक के अमूल्य योगदान (contribution) का भी प्रतीक है।
RBI की स्थापना
आरबीआई की स्थापना 1 अप्रैल 1935 में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता (stability) प्रदान करने और एक मजबूत केंद्रीय बैंकिंग प्रणाली (central banking system) स्थापित करने के उद्देश्य से की गई थी। अपनी स्थापना के बाद से, आरबीआई ने मुद्रा जारी करने (issuing currency), बैंकिंग प्रणाली को विनियमित करने (regulating the banking system), सरकार को आर्थिक सलाह प्रदान करने (providing economic advice to the government) और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने (promoting financial inclusion) सहित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया है।
RBI की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
पिछले 90 वर्षों में, आरबीआई ने भारत की अर्थव्यवस्था को कई उतार-चढ़ावों (ups and downs) से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैंक ने देश को स्वतंत्रता के बाद के शुरुआती वर्षों में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने (controlling inflation), 1990 के दशक के शुरुआती दौर में भुगतान संकट का सामना करने (facing the balance of payments crisis) और 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट (global financial crisis) के प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आरबीआई ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने (promoting financial inclusion) में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बैंक ने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने (enhancing access to banking services in rural areas), महिलाओं और वंचित समुदायों के लिए वित्तीय सेवाओं को सुलभ बनाने (making financial services accessible to women and underprivileged communities) और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने (promoting digital payments) के लिए कई पहल की हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा ₹90 के चांदी के सिक्के को जारी किया गया इसका वजन 40 ग्राम का है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने X अकाउंट के जरिए इसकी जानकारी दिया गया है। ₹90 के सिक्के को एक स्मारक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जारी किया गया है।
RBI New Plan: भारतीय रिजर्व बैंक की भविष्य की योजनाएं
आज, आरबीआई एक आधुनिक और गतिशील केंद्रीय बैंक (modern and dynamic central bank) है जो भारत को एक मजबूत और समृद्ध अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बैंक ने कई महत्वपूर्ण पहलों (initiatives) को लागू किया है, जैसे कि डिजिटल करेंसी (digital currency), ओपन बैंकिंग (open banking) और क्लाउड कंप्यूटिंग (cloud computing), जो भारत के वित्तीय क्षेत्र को बदलने की क्षमता रखते हैं।NPCI के माध्यम से आधार नंबर को शामिल करके सब्सिडी को डायरेक्ट बेनिफिशियरी के खाते में भेजे जाने की प्रणाली भारतीय रिजर्व बैंक की एक बहुमूल्य सफलता है।
आरबीआई के लिए आगे की राह (road ahead) कई चुनौतियों (challenges) से भरी है, लेकिन बैंक के पास इन चुनौतियों का सामना करने और भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने (a major player in the global economy) में मदद करने का अनुभव और विशेषज्ञता (experience and expertise) है।
RBI के 90 वर्षों की एक समीक्षा
भारतीय रिजर्व बैंक का 90 वर्ष का इतिहास गौरव और उपलब्धियों (pride and achievements) से भरा है। बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और देश के नागरिकों के लिए समृद्धि (prosperity) लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आरबीआई के पास भारत को वित्तीय रूप से समावेशी, मजबूत और आत्मनिर्भर (financially inclusive, strong, and self-reliant) बनाने के लिए आवश्यक अनुभव और विशेषज्ञता (experience and expertise) है। फिर भी भारतीय रिजर्व बैंक को आम भारतीय नागरिकों को कैसे अपने छोटे व्यवसाय को संचालित करने के लिए आसान प्रणाली की तहत लोन मिल पाए इसकी व्यवस्था करनी पड़ेगी क्योंकि बड़े बिजनेसमैन व्यापारियों को बेहद आराम से लोन मिल जाता है जबकि आम भारतीय छोटे व्यवसाय करने वाली एक व्यक्ति को लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं।
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