Roti Rojgar kavita
रोटी रोजगार में अजीब भाग दौड़ है,
चाह कर भी हाथ में न रोटी है न काम है।
बस गरीबी मिट रही सरकार के रिकॉर्ड में,
पढ़े लिखे हाथ में न काम है न काज हैं।
हाथ में डिग्रियों का अंबार लेकर है खड़ा,
योग्यता के दौर में अयोग्यता आगे बढ़ा।
भाषणों को खा लो और भाषणों को पी लो तुम,
भाषणों में लोकतंत्र का हवा गुलाबी है।
पढ़ लिखकर नौकरी का ख्वाब
क्यों देखते हो मूर्ख तुम,
बीटेक पानीपुड़ी तो कोई बीटेक चाय वाला है।
रोटी रोजगार में अजीब भाग दौड़ है,
चाह कर भी हाथ में न रोटी है ना काम हैं।
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