Mohammad Younus Life:कैसा है बांग्लादेश के नए पीएम का इतिहास?
प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक के जनक, बांग्लादेश के युवा जब आंदोलन कर रहे थे तभी मांग कर रहे थे कि प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की कमान संभालने के लिए बुलाया जाए।
शेख हसीना मोहम्मद यूनुस को एकदम नहीं पसंद करती थी।हसीना मोहम्मद यूनुस पर लगातार भ्रष्टाचार की आपोप लगाया करती थी।यह समय का चक्र देखिए जिस व्यक्ति को हसीना गिरफ्तार कर जेल में डालना चाहती थी आज वही देश के सिंहासन पर बैठ गया।
गरीब जनता का मसीहा -
मोहम्मद यूनुस सन् 1983 में बांग्लादेश में एक बैंक की स्थापना करते हैं।और आम जनता को साहूकारों के चंगुल में कर्ज लेकर फंस जाती थी उनका कर्ज देने का काम किया।उनका उद्देश्य था गरीबों को गरीबी से बाहर निकाल कर एक खुशहाली की जिंदगी जीने में मदद किया।
70 के दशक में जब बांग्लादेश एक नए देश के रूप में अपना पांव पसार रहा था।बेसहारा पड़ी टोकरी बनाने वाली औरतों को ५०० रुपये का सहारा देकर साहूकारों के चंगुल से छुड़ाया था और अपने अभियान की शुरुआत भी किया था।इस प्रकार ग्रामीण बैंक की संरचना तैयार हुई जिसे विश्व के कई देशों ने अपनाया।
बांग्लादेश यह अर्थशास्त्री 1940 पैदा हुआ।ढाका विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के बात,वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त किया 1969 ईस्वी में वेंडरबिल्ट Economic में Phd किया।1970 ई में टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गये।बांग्लादेश लौट के बाद चटगांव विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने।
Nobel Prize:
2006 में ग्रामीण बैंक से बांग्लादेश में करोड़ों गरीबों को आर्थिक कर्ज देकर के लिए गरीबी से ऊपर उठने में सहयोग करने के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया।इसके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं
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