CTET 50 Online Question: सीटेट के टॉप 50 वन लाइनर क्वेश्चन आंसर
CTET परीक्षा में बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (CDP), भाषा I और II, गणित, पर्यावरण अध्ययन, और सामाजिक अध्ययन जैसे विषयों से पूछे गए प्रश्नों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। यहां टॉप 50 वन लाइनर प्रश्न दिए गए हैं जो CTET के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र (CDP)
विकास क्रमिक और सतत प्रक्रिया है।
जीन पियाजे के अनुसार, संज्ञानात्मक विकास चार चरणों में होता है।
वायगोत्स्की के अनुसार, सीखने की प्रक्रिया सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ पर आधारित होती है।
अधिगमशील क्षेत्र में ZPD (Zone of Proximal Development) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
थॉर्नडाइक ने प्रयास और त्रुटि का सिद्धांत दिया।
पावलोव का शास्त्रीय अनुबंधन प्रेरक और अनुक्रिया पर आधारित है।
बालक का विकास ‘सिर से पैर’ और ‘केन्द्र से बाहर’ की दिशा में होता है।
सीखने की प्रक्रिया में बच्चे के पूर्व ज्ञान का विशेष महत्व है।
कोहलबर्ग ने नैतिक विकास का सिद्धांत दिया।
मास्लो का आवश्यकता सिद्धांत प्रेरणा के स्तरों पर आधारित है।
भाषा I और II
भाषा अधिगम का आधार सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना है।
सक्रिय सुनने से भाषा कौशल में सुधार होता है।
द्विभाषिकता भाषा शिक्षण को मजबूत बनाती है।
पाठ्य शिक्षण के लिए व्याकरण अनिवार्य नहीं है।
बच्चों को रचनात्मक लेखन के लिए प्रेरित करना चाहिए।
गलतियों को सीखने का हिस्सा मानना चाहिए।
भाषा विकास में कहानी और कविता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
मातृभाषा में शिक्षा अधिगम को सरल बनाती है।
शब्दावली विकास में संदर्भ और उपयोग का महत्व है।
पढ़ने का उद्देश्य समझ विकसित करना है।
गणित
गणित शिक्षण को रोजमर्रा के जीवन से जोड़ना चाहिए।
बच्चों को समस्या-समाधान में भागीदारी के लिए प्रेरित करें।
अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए चित्र और मॉडल का उपयोग करें।
अंकगणितीय कौशल व्यावहारिक उपयोग के लिए आवश्यक है।
गुणा और भाग की अवधारणा पुनरावृत्ति पर आधारित है।
ज्यामिति में आकार और स्थान की समझ जरूरी है।
संख्या रेखा बच्चों को जोड़ और घटाव सिखाने में मदद करती है।
गणित शिक्षण में खेल और गतिविधियां शामिल करें।
मानसिक गणना से बच्चों की गणना गति बढ़ती है।
मापन से संबंधित समस्याएं बच्चों की दैनिक जीवन की समस्याओं से जोड़ी जानी चाहिए।
पर्यावरण अध्ययन (EVS)
पर्यावरण अध्ययन का मुख्य उद्देश्य बच्चों में जागरूकता बढ़ाना है।
स्थानीय परिवेश से शिक्षण सामग्री बनाएं।
बच्चों को पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित करें।
EVS शिक्षण में परियोजना विधि का उपयोग करें।
जल, वायु और मृदा प्रदूषण पर आधारित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।
पर्यावरण संरक्षण में व्यक्तिगत भूमिका पर जोर दें।
EVS में आपस में जुड़े हुए विषयों का उपयोग करें।
पौधों और जानवरों के वर्गीकरण को सरल तरीके से समझाएं।
हमारे शरीर और उसकी कार्यप्रणाली पर आधारित प्रश्न होते हैं।
स्थानीय और वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों को पढ़ाने में एक संतुलन बनाएं।
सामाजिक अध्ययन (Social Studies)
इतिहास को कहानी के रूप में पढ़ाएं।
भारत का संविधान नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों पर जोर देता है।
मानचित्र अध्ययन से भूगोल की समझ बढ़ती है।
समाज में विविधता और एकता को समझाना महत्वपूर्ण है।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित प्रमुख घटनाओं पर प्रश्न आते हैं।
संसाधन और उनके संरक्षण पर आधारित प्रश्न सामान्य हैं।
लोकतंत्र, राजनीति और शासन प्रणाली को सरल शब्दों में समझाएं।
सामाजिक समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा करें।
भारतीय अर्थव्यवस्था और उसके मुख्य घटकों पर जोर दें।
समुदाय आधारित शिक्षण से बच्चों की सामाजिक समझ विकसित होती है।
टिप्स:
इन वन लाइनर्स को नियमित रूप से रिवाइज करें।
मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें।
रचनात्मक शिक्षण पद्धतियों और रणनीतियों पर ध्यान दें।
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