26 Janboury Speech in Hindi:गणतंत्र दिवस पर व्यंग्यात्मक रोचक भाषण
आज 26 जनवरी है। यह दिन हमारी स्वतंत्रता, संप्रभुता, और लोकतंत्र का प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि संविधान नाम की किताब हमें कानून, अधिकार, और कर्तव्यों का पाठ पढ़ाने के लिए बनाई गई थी। लेकिन अब, संविधान से ज्यादा जरूरी हमारे व्हाट्सएप फॉरवर्ड और सोशल मीडिया की कहानियां हो गई हैं।
हमारे देश का संविधान 1950 में लागू हुआ, लेकिन तब शायद डॉ. अंबेडकर ने यह नहीं सोचा होगा कि इसे पढ़ने का ट्रेंड 2025 तक 'आउट ऑफ फैशन' हो जाएगा। आज ज्यादातर लोग संविधान के अधिकार वाले पन्ने पढ़ते हैं, लेकिन कर्तव्य वाला हिस्सा ऐसे नजरअंदाज होता है जैसे शादी में गाजर का हलवा बिना ड्राई फ्रूट्स के।
अब बात करें हमारे राष्ट्रीय पर्व की! 26 जनवरी को सुबह का नजारा अनोखा होता है। लोग झंडा फहराने जाते हैं, उसके बाद चाय-समोसे की लाइन में लग जाते हैं। देशभक्ति फिल्में देखकर लगता है कि सब कुछ ठीक है, लेकिन गड्ढों से भरी सड़कें और बिजली कटौती जैसे मुद्दे कहां छिप जाते हैं, यह रहस्य आज भी अनसुलझा है।
गणतंत्र का मतलब है "जनता का राज।" लेकिन जनता का यह राज टीवी डिबेट्स, ट्विटर ट्रेंड्स, और चुनावी नारों तक सीमित रह गया है। अब तो ऐसा लगता है कि हमारी समस्याएं भी पार्टियों के बीच बंट गई हैं – 'ये तुम्हारी समस्या है, ये हमारी समस्या है।'
परेड की बात करें तो, दिल्ली की परेड एकदम ग्रैंड होती है। लेकिन मोहल्ले के स्कूलों में परेड देखकर ऐसा लगता है कि झंडा फहराने के बाद बच्चे इस सोच में डूबे रहते हैं कि मिठाई कितनी मिलेगी – एक लड्डू या दो।
अंत में, गणतंत्र दिवस हमें याद दिलाता है कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। पर असली लोकतंत्र तभी आएगा जब हर गड्ढा भरी सड़क पर देशभक्ति के गीत गाने वाले लोग उसे भरवाने की सोचेंगे।
तो चलिए, इस गणतंत्र दिवस पर सिर्फ नारे नहीं, काम करने का संकल्प लें। और हां, इस भाषण के बाद समोसे खत्म होने से पहले लाइन में लग जाएं!
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