Poem In Hindi: जब समय हो विपरीत,हर कोई साथ छोड़ देता
समय और हालात खराब कौन साथ देता है,
एक बेरोजगार से पूछो लाचारी क्या होता है?
पढ़ते - पढ़ते डिग्रियां लेकर करे तो करे क्या?
सड़क छाप छपरी भी माँ को ,
अब हमसे विद्वान नजर आता है।
मजदूरी करने का मन नहीं करता,
घर में सबको बेकार नजर आता।
अब समाज में पैसा का नशा ऐसा चढा,
अब कुछ भी करो पैसा लाओ,
ना लाओ तो घर से बाहर हो जाओ।
अब मदारी बन नाच रहाँ हूँ,
अपने ख्वाब को छोड़ दूसरे के लिए लगता जी रहा हूँ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thank you 🌹