रोता बिलखता भारत का युवा और बरोजगार,नींद में सो रहे हो हुक्मरान
हमारे हुक्मरान कब नीद से जागेंगे पता नहीं रोज-रोज कि डिप्रेशन तनाव से ग्रसित भारत का युवा करता भी करे भी क्या।लोन के नाम पर चलने वालीं योजनाएं बैंक के चक्कर लगाने पर मजबूर कर रही हैं,और हमारे जैसे युवा रोज नौकरी के लिए भटक रहा है।
सरकार कहती है रोजगार करो तो फिर MBA,IIT,BED, की डिग्रियां क्यों बताते हो इन डिग्रियों और विद्यालयों क्या फायदा, बंद करो, गरीब का बेटा लोन लेकर डिग्री ले और डिग्री का कोई महत्व ना रहे तो क्या फायदा ऐसे विद्यालयों का। भारत का युवा बेरोजगारी में IPL में सट्टा खेल रहा है। और करोडपति बनाने का सपना देख रहा है।
अगर आप खुश हैं कि आप का लाडला तो ऐसे नहीं करता तो अच्छा है, पर हवा का रुख बदलते देर नहीं लगती है। हम सब को यह मिलकर यह प्रयत्न करना होगा कि हमारा भारत भीड़ से एक बार सोने का चिड़िया बन कर रहे।
विनोद कुमार
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